भविष्यवाणी 2021 : किसकी बदलेगी किस्मत और किसका चमकेगा सितारा
पं. एस. गणेश - ज्योतिष विद्या के महान जानकार
साल 2021 के कोरोना काल की कड़वी यादों को अलविदा करते समय प्रत्येक व्यक्ति के जेहन में बस यही एक सवाल है कि आखिर अब साल 2021 देश—दुनिया के लिए कैसा रहने वाला है। कोरोना काल की कड़वे अनुभव के बाद अब प्रत्येक व्यक्ति संभावनाओं से भरी एक नई सुबह का इंतजार कर रहा है, जिसमें वह इस महामारी से निजात पाने के साथ ही साथ सुखी, स्वस्थ और समृद्ध जीवन का सपना संजोए हुए है। तो आइए जाने—माने ज्योतिषी पं. एस. गणेश जी से जानते हैं कि साल 2021 देश—दुनिया और प्रत्येक व्यक्ति के लिए आखिर क्या कुछ लेकर आया है :
क्या कहते हैं सितारे
साल की शुरुवात यानि 01 जनवरी को प्रात: 00:00 बजे को कन्या लग्न उदय हो रहा है। वैसे देखा जाय तो प्रत्येक वर्ष साल की शुरुआत के समय कन्या लग्न ही उदय होगा, इसलिए लग्न का इतना ज्यादा महत्व नहीं है। ऐसे में हमें लग्नेश और चंद्र को लेकर नव वर्ष की कुंडली के महत्व समझना चाहिए। यहां पर लग्न रिक्त है और लग्नेश चतुर्थ भाव यानि धनु में सूर्य के साथ बुधादित्य योग बनाते हुए और पुष्कर नवांश में बैठकर बहुत ही पावन और विशेष अवस्था पर विराजमान है। इससे एक बात तो स्पष्ट है कि साल 2021 में चाहे कितनी भी मुसीबतें या अड़चनें आएं, दुनिया उससे उबरने में कामयाब होगी और आगे बढ़ने के अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही साथ प्रत्येक व्यक्ति के भीतर उर्जा प्रदान करते हुए उसे स्वस्थ रखने के लिए प्रकृति अपनी अनुपम भेंट प्रदान करेगी। इस अमूल्य उर्जा को संजोकर, अपनी सूझ—बूझ के साथ सदुपयोग करते हुए जीवन में आगे बढ़ना होगा।
कई चरणों में मिलेगी सफलता
द्वादशेश, लगनेश और दशमेश का मिलान चतुर्थ भाव पर है। चतुर्थ पर बैठकर उनका दशम भाव पर देखना निश्चित रूप से बहुत ही अच्छे और विशेष परिणामों को दर्शाता है। इसके कारण पूरे विश्व में एक नई उमंग और उत्साह का जागरण होगा। जैसे—जैसे यह साल आगे बढ़ेगा, प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में प्रगति और सफलता विभिन्न चरणों में मिलती रहेगी। थोड़े—थोड़े समय के अंतराल के बाद प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में कुछ न कुछ उपलधियां मिलती रहेंगी।
आगे निकलकर आएंगे विकल्प
प्रत्येक प्रदेश में विभिन्न प्रकार के विकल्प निकलकर आगे आएंगे। जिसे अपनाते हुए लोग सभी चुनौतियों का सामना करेंगे। मई से लेकर अक्टूबर के बीच जब गुरु और शनि वक्री होंगे, उस दौरान विशेष विकल्प निकलकर आएंगे, जिसे अपनाकर देश और देशवासी बहुत बेहतर तरीके से आगे बढ़ेंगे।
कोरोना के साथ आगे बढ़ना होगा
द्वितीयेश और नवमेश शुक्र और केतु के साथ तृतीय भाव में युति में हैं। केतु यहां पर मृत्यु भाव पर हैं और केतु रोग के कारक हैं। कन्या लग्न भी छठा भाव है, इसलिए रोग का भाव है। ये सभी चीजें इस बात की ओर स्पष्ट संकेत देती हैं कि वर्तमान परिस्थिति सामान्य नहीं है। यानि इस महामारी का सामना अभी हमें अभी आगे कई दिनों तक करना होगा। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि हमें इसके साथ ही जीवन में आगे बढ़ने की कला को सीखना होगा।
तब चीजें हो जाएंगी ठीक
यहां पर मृत्यु भाव के साथ बैठा हुआ शु्क्र द्वितीयेश होने के कारण एक रहस्यमय योग बना रहा है। जिसे हम धेनु योग कहते हैं। यह शुभ संकेत है। यह धन और संपत्ति के लिए बहुत विशेष और प्रबल योग है। कहने का तात्पर्य यह है कि दुनिया भर में कोरोना महामारी के कारण जो निराशा और अवसाद का माहौल है, उससे निजात मिलेगी और लोगों के जीवन में एक नया सवेरा होगा। प्रत्येक देश में एक नया विकल्प निकलकर आयेगा, जिससे आर्थिक व्यवस्था मजबूत होगी। यह स्थिति अप्रैल 2021 से ज्यादा होती हुई नजर आती है। दुनिया में आयात—निर्यात बढ़ेगा। विश्व के तमाम देश कंधे—कंधा मिलाकर चीजों को ठीक करने का प्रयास करेंगे।
तरक्की के लिए खुलेंगे नए द्वार
गुरु और शनि पंचम भाव पर विशेष रूप से बैठे हुए हैं। यहां पर गुरु नीच के हैं लेकिन गुरु और शनि दोनों ही पुष्कर नवांश में बैठे हुए हैं। गुरु से लग्न को दृष्ट करना और शनि से सप्तम भाव को दृष्ट करना बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण बात है। इस तरह देखें तो चार ग्रह एक साथ मिलकर केंद्र पर प्रभाव डाल रहे हैं। केंद्र बलिष्ठ और पुष्टिवर्धक है। इसके कारण यह साल बहुत ही अच्छा रहने वाला है। इसके शुभ प्रभाव से अच्छे परिणाम निकलकर आयेंगे और लोगों के जीवन में नये आयाम स्थापित होंगे। नए विकल्पों के साथ नए—नए अविष्कार होंगे। तकनीक और प्रबंधन के तालमेल से विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादकता बढ़ाने के लिए इससे बेहतर अवसर शायद ही कभी आये।
तब होगी मनोबल की जरूरत
मंगल का अष्टम भाव पर बैठना स्वग्रही होकर वर्गोत्तम है। यह बहुत ही ज्यादा पावन और पवित्र है। मंगल से शुक्र और केतु भी दृष्ट हैं। ये सभी चीजें अपने में एक विशेषता को दर्शाती है। अमूमन अष्टम भाव का मंगल शुभ नहीं माना जाता है, लेकिन चूंकि यहां पर वह स्वराशि, मूल त्रिकोण और वर्गोत्तम है। यह अपने आप में बहुत ही शुभ है। यह इस बात को दर्शाता है कि अड़चनें, समस्याएं और तमाम तरह की प्राकृतिक आपदा के आने के बावजूद हम सब इससे उबर जाएंगे। हम अपने संकल्प शक्ति को मजबूत करते हुए इन सभी से पार पाने में कामयाब होंगे।
राजयोग से बनेगी बिगड़ी बात
राहु का नवम भाव पर बैठना एक राजयोग है। इसके कारण बहुत ही अच्छे परिणाम निकल कर आयेंगे। विदेश संबंधी नीति एवं योजनाओं में एक नया बदलाव देखने को मिलेगा। जिससे सभी को लाभ होगा। जिन देशों के साथ अनबन चल रही थी, उनके संबंधों में सुधार होगा और अच्छे परिणाम निकल कर आएंगे। ऐसे देशों के बीच एक नया समझौता होगा, जिससे लोगों की हमारी स्थिति में सुधार होगा और लोगों को जीवन में प्रगति होगी। ये सभी शुभ परिणाम मई माह के बाद निकलकर आने की ज्यादा संभावना है।
सुख-समृद्धि का मिल रहा है संकेत
चंद्रमा का स्वग्रही होकर पुष्य नक्षत्र में एकादश भाव में बैठना बहुत ही ज्यादा शुभ है। इसके शुभ प्रभाव के चलते समय—समयपर लोगों के जीवन में खुशियां, सुख—समृद्धि आती रहेगी। पुष्य नक्षत्र, सभी नक्षत्रों का राजा माना गया है। इसी नक्षत्र में नव वर्ष का शुभारंभ होना अत्यंत ही शुभ संकेत है। इससे प्रत्येक जातक के जिंदगी में नई उमंग, सुख—समृद्धि का विस्तार होगा।
नई सोच के साथ करें साल का स्वागत
इस तरह देखें तो नव वर्ष की कुंडली में सातों ग्रह और दोनों छाया ग्रह अपने शुभ परिणाम देने की विशेषता रखे हुए हैं। ऐसे में हमें अपने भीतर एक नई उर्जा और एक नई सोच लेकर नए साल का स्वागत करना चाहिए, ताकि आने वाले कई सालों के लिए इसे हम एक नींव बनाकर अपने सुखद जीवन का मजबूत आधार दे सकें।
क्या कहता है पंचांग
साल 2021 की पंचांग परिस्थितियों पर नजर डालें तो साल के पहले दिन कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि पड़ रही है। द्वितीया तिथि के कारण 2021 में बहुत अच्छे परिणाम आने की संभावना बन रही है। लोगों के भीतर एक उत्साह, उमंग और एक नई तरह की उर्जा का संचार होगा। यह बात अलग है कि कृष्ण पक्ष के चलते इन सभी चीजों में अड़चनें या थोड़ा विलंब हो सकता है। चंद्रमा एकादश भाव में बैठकर ऐसी सभी अड़चनों या समस्याओं का सामना करते हुए अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होने की प्रेरणा देता है, जो कि गुरु और शनि से परस्पर दृष्टि रखता है।
शुक्र संवारेंगे आपका भाग्य
साल 2021 की पहली तारीख को शुक्रवार का दिन पड़ रहा है। सप्ताह के सात दिनों में शुक्रवार सबसे पवित्र और शुभ माना गया है। शुभता की दृष्टि से देखें तो दुनिया के विभिन्न धर्मों में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना गया है। यही कारण है कि शुक्रवार के दिन हो रही इस साल की शुरुवात सभी लोगों की जिंदगी में खुशियां और सुख—समृद्धि लेकर आने वाला है।
वैधृति योग के क्या हैं मायने
वैधृति योग को अच्छा नहीं कहा जा सकता है। वैधृति योग में कोई भी अच्छा काम करना मना है। शास्त्रों में इस योग में किसी चीज का आगमन अच्छा नहीं माना गया है लेकिन इसके स्वामी गुरु हैं और वे कुंडली में नीच के होकर लग्न को देख रहे हैं। ऐसे में हम एक प्रकार के विपरीत राजयोग की गणना कर सकते हैं। जिसके फलस्वरूप तमाम तरह की अड़चनों और वित्तीय दिक्कतों के बावजूद इनसे पार पाने के लिए हमारा मनोबल मजबूत बना रहना चाहिए।
प्रापर्टी के लिए कैसा रहेगा साल 2021
साल 2021 की शुरुआत गर करण से हो रही है, जो कि अत्यंत शुभ है। गर करण की स्वामी भूमि माता हैं, इसलिए इस साल भूमि, भवन, प्रापटी आदि से जुड़े क्षेत्र में बड़ा उछाल देखने को मिलेगा। ऐसे में इस क्षेत्र में अब तक जो मंदी बनी हुई थी, उससे लोगों को निजात मिलेगी।
12 राशियों की भविष्यवाणी
साल 2021 में 12 राशियों के राशिफल का कोई शास्त्रीय आधार नहीं बनता है क्योंकि शास्त्र कहता है कि जब हमारे पास फ्री विल हो तो हम आगे की भविष्यवाणी कर सकते हैं। चूंकि इस समय कोरोना महामारी का दौर चल रहा है और इसके नये—नये स्वरूप सामने आ रहे हैं, ऐस में विभिन्न राशियों का मैं राशिफल नहीं दे रहा हूं। हालांकि इसका एक विकल्प पेश कर रहा हूं, जिसके माध्यम से आप स्वयं के लिए साल 2021 की शुभता—अशुभता को जान सकते हैं। इसे आप अपनी दशा, अंतरदशा और प्रत्यंतर दशा के आधार पर जान सकते हैं। अपनी वर्तमान दशा या अंतरदशा को आप किसी भी कुंडली बनाने वाले ऐप या वेबसाइट पर जाकर अपनी जन्म तिथि, जन्म स्थान और जन्म समय को फीड करके जान सकते हैं। इसमें आपकी कुंडली बनने के बाद विंशोत्तरी दशा के सेक्शन में जाकर आपको अपनी दशा, अंतरदशा और प्रत्यंतर दशा के बारे में पता चल जाएगा।
राहु की दशा का ऐसा पड़ेगा असर
राहु दशा वालों के लिए यह साल बहुत ही ज्यादा बेहतरीन रहने वाला है। जिन जातकों की राहु की दशा, अंतरदशा और प्रत्यंतर दशा चल रही है, उनके लिए साल 2021 बहुत ज्यादा अच्छे परिणाम दिलाने वाला साबित होगा। यह समय इनके राजयोग भोगने का समय है। ऐसे में अपने 24 घंटे को 42 बनाकर करते रहें। कहने का तात्पर्य यह है कि आप अपने आत्मबल और आत्मविश्वास को कायम रखते हुए आगे बढ़े आपको पूरी सफलता मिलेगी। आपके लिए बहुत अच्छे परिणाम निकलकर आएंगे।
बुध, शुक्र और चंद्रमा से चमकेगी किस्मत
जिन जातकों की दशा, अंतरदशा और प्रत्यंतर दशा बुध, शुक्र और चंद्रमा की चल रही है, इनके लिए भी साल 2021 बहुत अच्छे परिणाम लेकर आया है। इन सभी के लिए जीवन में मिलने वाली सफलताएं बेहतरीन भले ही न हों लेकिन पहले से बेहतर होंगी।
गुरु और शनि संभलने का दे रहे हैं संकेत
जिनकी कुंडली में शनि और गुरु की दशा, अंतरदशा और प्रत्यंतर दशा चल रही है। उनके जीवन में सामान्य परिणाम निकल कर सामने आएंगे। इन लोगों को साल 2021 में ज्यादा मेहनत, धैर्य और आत्मबल रखने की जरूरत रहेगी। जीवन की चुनौतियों से पार पाने के लिए आप अपने बड़ों का सम्मान करें। किसी भी बड़े कदम उठाने से पहले उनकी सलाह लें और अपने आराध्य की सच्चे मन से पूजा करें। ऐसा करने पर आप अपने कार्यों में अवश्य सफल होंगे। यदि आपको अपनी आशा से कम सफलता प्राप्त हो तो कभी भी निराश न हों, क्योंकि आगे आने वाला समय आपका होगा।
सूर्य, केतु और मंगल वाले हो जाएं सावधान
जिन जातकों की सूर्य, मंगल और केतु की दशा, अंतरदशा, प्रत्यंतर दशा चल रही है, उन्हें अत्यंत सावधानी रखने की जरूरत है। बहुत ज्यादा उतावलापन, धन का व्यय करने आदि से बचें। खूब सोच—विचार कर ही किसी बड़ी योजना में बड़ी धनराशि का निवेश करें, अन्यथा आपको बहुत ज्यादा दिक्कत उठानी पड़ सकती है। धन—संपत्ति, सेहत और सामाजिक प्रतिष्ठा की दृष्टि से साल 2021 थोड़ा अशुभ कहा जा सकता है। जीवन की अड़चनों को दूर करने और शुभ फलों की प्राप्ति के लिए ऐसे जातकों को अपने जन्म नक्षत्र पर धार्मिक स्थलों पर जाकर दान करना चाहिए।
मंगलकामनाएं
आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि पं. एस. गणेश जी द्वारा 2021 के बारे में की गई भविष्यवाणी से आप अपने भीतर नई उर्जा का संचार होगा और आप अपने भीतर आत्मविश्वास कायम रखते हुए जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता के शिखर को छूने में कामयाब होंगे। कुंभ टीवी.कॉम की तरफ से आप सभी को नववर्ष की ढेर सारी शुभकामनाएं…