देश की राजधानी दिल्ली में ब्रम्हलीन द्वयपीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज का जन्म शताब्दी सम्पूर्ति महोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामिश्री अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती 1008 जी महाराज ने तुलसी दल से ब्रम्हलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज का विशेष पूजन एवं अर्चन किया।
ज्योतिष पीठाधीश्वर ने 100 से अधिक गणमान्य लोगों को किया सम्मानित
इस अवसर पर वर्तमान ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज ने लाल बहादुर संस्कृत विश्वविद्यालय के 25 विद्वानों को शंकराचार्य शास्त्र सेवा सम्मान और ब्रम्हलीन महाराजश्री से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों के 75 गणमान्य लोगों को शंकराचार्य सेवा सम्मान से सम्मानित किया।
सनातन परंपरा में भगवान आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार पीठों में से दो पीठों (शारदा पीठ, द्वारका एवं ज्योतिष पीठ ,बद्रिकाश्रम) को सुशोभित करने वाले ब्रह्मलीन स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज एक मात्र दिव्य-विभूति रहे हैं। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्राकट्य दिवस पर देश की राजधानी दिल्ली में बड़ी संख्या में भक्तगण शामिल हुए ।
प्रयाग में कुछ इस तरह मनाई गई शंकराचार्य की जन्म जयंती
ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य के प्राकट्योत्सव पर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज और वाराणसी जिले में भी विशेष रूप से कार्यक्रम संपन्न हुए। इस अवसर पर प्रयागराज में भगवान मनकामेश्वर का रुद्राभिषेक किया गया। इस दौरान पूज्य महाराज श्री की पादुका पूजन मंदिर के महंत ब्रह्मचारी श्रीधरानंद जी महाराज और 11 आचार्यों के द्वारा किया गया।
काशी में भी मनाया गया भव्य जन्म शताब्दी सम्पूर्ति महोत्सव
ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्राकट्य दिवस पर धार्मिक नगरी वाराणसी में प्रबुद्धजनों एवं आचार्यों के द्वारा इस अवसर पर गणेश पूजन, नवग्रह पूजन के पश्चात सविधि रुद्राभिषेक सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर ब्रम्हलीन शंकराचार्य जी महाराज के चरण विशेष रूप से पादुका का पूजन भी किया गया।
ब्रह्मलीन शंकराचार्य को भक्तों ने कुछ ऐसे किया नमन
स्वतंत्रता संग्राम में दो बार जेल यात्रा करने वाले,राम मंदिर का फैसला हिंदुओं के पक्ष में करवाने वाले,रामसेतु को टूटने से बचाने वाले,गंगा जी को राष्ट्रीय नदी घोषित करवाने वाले,74 चातुर्मास्य व्रत पूर्ण करने वाले,धर्मांतरण,गोकशी व पाखण्डवाद का पुरजोर विरोध करने वाले,अनेकों वृद्धाश्रम,चिकित्सालय, गोसेवालय,वेद विद्यालय का निःशुल्क संचालन करवाने वाले ब्रम्हलीन द्वयपीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य जी महाराज के प्रति सम्पूर्ण सनातनी जनमानस श्रद्धावान होकर उनके जन्म शताब्दी सम्पूर्ति महोत्सव को न सिर्फ देश बल्कि विदेशों में मंगल गीत एवं भजन गाकर मनाया।