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Dev Uthani Ekadashi 2024: श्री हरि के जागते ही शुरु हुए मंगल कार्य, जानें कब होगी चट मंगनी, पट शादी

देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु की किस पूजा से चमकेगी किस्मत, जानें महाउपाय

Dev Uthani Ekadashi 2024: सनातन परंपरा में देवउठनी या फिर कहें देवोत्थान एकादशी अत्यंत ही महत्वपूर्ण पर्व माना गया है। हिंदू मान्यता के अनुसार इसी दिन जगत के पालनहार भगवान श्री विष्णु अपनी योग निद्रा से पूरे चार महीने बाद जागते हैं। पंचांग के अनुसार यह पावन पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की एकादशी के दिन मनाया जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार साल भर में पड़ने वाली 24 एकादशी में यह एकादशी अत्यंत ही शुभ और मंगलदायी मानी गई है। ऐसे में इस देवउठनी एकादशी के दिन भगवान श्री विष्णु की विधि-विधान से पूजा करना अत्यंत ही फलदायी माना गया है।

देवउठनी एकादशी पर भगवान श्री विष्णु की पूजा का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान शालिग्राम और तुलसी जी पूजा के लिए रात्रि 07:08 से 08:47 बजे तक शुभ मुहूर्त है। यदि आप इस दिन व्रत रखते हैं तो इसका पारण आप अगले दिन यानि कार्तिक माह के द्वादशी तिथि पर 13 नवंबर 2024 को प्रात:काल 06:42 से लेकर प्रात: 08:51 के बीच कर सकते हैं।

देवउठनी एकादशी की पूजा का उपाय

देवउठनी एकादशी के दिन भगवान श्री विष्णु की कृपा पाने के लिए उनकी पीले पुष्प, पीले चंदन और पीले वस्त्र, पीले फल चढ़ाकर पूजा करें। इस दिन भगवान पूजा में श्री विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने पर साधक पर श्री हरि की पूरी कृपा बरसती है और उसके सभी मनोरथ शीघ्र ही पूरे हाते हैं।

देवउठनी एकादशी पर क्या करें

देवउठनी एकादशी पर श्री हरि का स्वरूप माने जाने वाले भगवान शालिग्राम के साथ तुलसी जी का विवाह कराने पर साधक को सभी प्रकार के सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। हिंदू मान्यता के अनुसार इस पूजा को करने पर साधक को कन्यादान के समान पुण्यफल प्राप्त होता है। मान्यता है कि इस उपाय को श्रद्धा और विश्वास के साथ करने पर ​अविवाहितों का शीघ्र ही विवाह होता है और विवाहित लोगों को दांपत्य सुख की प्राप्ति होती है।

साल 2024 में विवाह के शुभ मुहूर्त

नवंबर 2024 में विवाह के शुभ मुहूर्त
17, 18, 23, 25, 27, 28

दिसंबर 2024 में विवाह के शुभ मुहूर्त
2, 3, 4, 6, 10, 11, 14

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Ashutosh Shukla

भारतीय संस्कृति में कुंभ मंगल, शुक्ल, सौंदर्य और पूर्णत्व का प्रतीक है। व़ैदिक मंत्रोच्चार के साथ धर्म ध्वजाओं के तले आस्था, विश्वास, समर्पण, और सेवा से सराबोर प्रयागराज महाकुंभ 2025 और सनातन परंपरा से जुड़ी हर छोटी-बड़ी खबर को जानने के लिए जुड़ें www.kumbhatv.com से...

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