तीज-त्योहारधर्म

Buddha Purnima 2021: बुद्ध पूर्णिमा पर जानें भगवान बुद्ध के सात अनमोल वचन

भगवान बुद्ध के उपदेश दीपक के समान जीवन का तमस दूर करते हैं

वैशाख मास की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था और इसी दिन उनका महानिर्वाण भी हुआ। सनातन परंपरा के अनुसार बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार माना जाता है। बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध धर्म के मानने वालों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। भगवान बुद्ध ने मानव मात्र को चार बड़े सूत्र बताए हैं, जिन्हें ‘चार आर्य सत्य ‘ के नाम से जाना जाता है। जिसमें पहला दुःख है, दूसरा दुःख का कारण, तीसरा दुःख का निदान और चौथा मार्ग वह है, जिससे दुःख का निवारण होता है। भगवान बुद्ध का अष्टांगिक मार्ग वह माध्यम है, जो मनुष्यों को उनसे जुड़े दुःख के निदान का सही मार्ग बताता है। आइए वैशाख पूर्णिमा पर बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान गौतम बुद्ध द्वारा कहे 10 अनमोल वचन के बारे में जानते हैं, जो आज भी हमें जीवन जीने की सही राह दिखाते हैं —

— हम जैसा सोचते हैं, वैसा ही बन जाते हैं।

— शांति मनुष्य के भीतर होती है, उसे बाहर न खोजें।

— हजारों शब्दों से अच्छा एक वो शब्द होता हैं, जो शांति लाता है।

— प्रसन्नता का कोई अलग मार्ग नहीं है, प्रसन्न रहना ही उसका एक मात्र मार्ग है।

— यदि आप वास्तव में स्वयं से प्रेम करते हैं तो आप भूलकर भी दूसरों को दुःख नहीं पहुंचा सकते।

— घृणा से घृणा कभी समाप्त नहीं की जा सकती है। घृणा को प्रेम के द्वारा ही समाप्त किया जा सकता है। यह एक प्राकृतिक सत्य है।

— जिस तरह एक जलते हुए दीपक से हजारों दीपक जलाये जा सकते हैं और उसके बाद भी उस दीपक का प्रकाश कम नहीं होता, उसी प्रकार लोगों में खुशियां भी बांटने से बढ़ती है, कम नहीं होती।

Madhukar Mishra

प्रयागराज में जन्में मधुकर मिश्र को प्रिंट, इलेक्‍ट्रानिक और डिजिटल मीडिया में बीते दो दशक से ज्‍यादा धर्म-अध्‍यात्‍म और राजनीति की पत्रकारिता का अनुभव है. देश के चारों कुंभ की कवरेज का अनुभव रखते हुए संत, सत्‍संग और शोध के जरिए धर्म और ज्‍योतिष के मर्म को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना ही इनका पसंदीदा कार्य है. ‘कुंभ टीवी.कॉम’ के जरिए सनातन परंपरा से जुड़े सत्य को तथ्य के साथ तथा प्रयागराज कुंभ 2025 की हर खबर को आप तक सबसे पहले पहुंचाने के लिए संकल्पित हैं।

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