– 12 से 14 फरवरी तक होगा श्री विग्रह का प्राण प्रतिष्ठा समारोह
– समस्त धार्मिक कार्यक्रम रेलवे स्टेशन के निकट सुमन वाटिका में होंगे संपन्न
– मुख्य यजमान रहेंगे जिला पंचायत अध्यक्ष अभय मिश्र, पूर्व विधायक श्रीमती नीलम मिश्रा एवं अधिवक्ता विभूति नयन मिश्र।
रीवा। त्रिपुर सुंदरी देवी के स्फटिक मणि से निर्मित श्रीविग्रह का त्रिदिवसीय प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का भव्य आयोजन 12 से 14 फरवरी तक किया जाएगा। स्फटिक से बनी मां त्रिपुर सुंदरी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा एवं शक्ति की साधना-आराधना का संपूर्ण धार्मिक कार्यक्रम रेलवे स्टेशन के पास स्थित सुमन वाटिका में ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वत जी महाराज के सान्निध्य में संपन्न होगा। इस तरह रीवा एवं आस-पास के लोगों को पूज्य शंकराचार्य जी महाराज के दर्शन एवं प्रवचन का तीन दिनों तक सौभाग्य प्राप्त होगा।
रीवा में कल पधारेंगे शंकराचार्य जी
जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज कल प्रयागराज से चलकर विभिन्न स्थानों पर अपने भक्तों को दर्शन देते हुए रीवा पहुंचेंगे। इस पूरी यात्रा के दौरान पूज्य शंकराचार्य जी का उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर भव्य स्वागत एवं पूजन का भी कार्यक्रम है। शंकराचार्य जी के आगमन को देखते हुए नई गढ़ी] मनगवां] रायपुर करचुलियान आदि कई जगहों पर भव्य स्वागत द्वार बनवाये गये हैं, जहां पर बड़ी संख्या में भक्तगण उनके दर्शन के लिए मौजूद रहेंगे।
जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज के सान्निध्य में विंध्य क्षेत्र में भगवती राजराजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी देवी की प्रथम स्फटिक मणि से निर्मित श्रीविग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा ज्योतिष पीठ के आचार्य पंडित श्री रविशंकर द्विवेदी जी के द्वारा किया जाएगा।
इस धार्मिक कार्यक्रम का शुभारंभ 12 फरवरी को वास्तु प्रतिष्ठा एवं कलश यात्रा से होगा। इसके पश्चात् 13 फरवरी को भव्य शोभा यात्रा निकाली जाएगी, जबकि प्रतिष्ठा पूर्णाहुति एवं भंडारा का आयोजन 14 फरवरी को किया जायेगा। इस पावन अवसर पर अनेक पूज्य संतों-महात्माओं के दर्शन एवं प्रवचनों का लाभ भी प्राप्त होगा।
शंकराचार्य जी संग प्रमुख संतों के भी होंगे दर्शन-प्रवचन
शंकराचार्य जी के साथ उनके प्रतिनिधि शिष्य परम पूज्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती एवं श्री ब्रह्मचारी सुबुद्धानंद जी महाराज के दर्शन एवं प्रवचन का भी सौभाग्य भी लोगों को प्राप्त होगा।
बड़े संतों के आशीर्वचन सुनने का मिलेगा सौभाग्य
आदिशक्ति की प्रतिमा स्थापना के लिए परम पूज्य शंकराचार्य जी के साथ सैकड़ों की संख्या में देश के विभिन्न हिस्सों से कई सिद्ध संतों का का भी आगमन हो रहा है। ऐसे में शंकराचार्य जी के तीन दिवसीय प्रवास के दौरान संतों का एक बड़ा सम्मेलन भी आयोजित किया जायेगा। इस महासम्मेलन में धर्म अध्यात्म से जुड़े विषयों पर पूज्य संतों के श्री मुख से सद्ज्ञान प्राप्त होगा।
स्वर्ण ज्योति महामहोत्सव पर होगा प्रबुद्धजनों का सम्मान
परम पूज्य शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज के ज्योतिष पीठ पर आसीन होने के पचास वर्ष पूर्ण होने के अवसर पूरे भारववर्ष में स्वर्ण ज्योति महामहोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में विंध्य क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रबुद्धजनों का विशेष रूप से सम्मान किया जायेगा।
लोक कलाकारों द्वारा शंकराचार्य के जीवन पर लघु नाटक
आदिशक्ति की मूर्ति स्थापना के दौरान वृंदावन से ब्रजवासी बंधुओं द्वारा एक भजनांजलि का विशेष कार्यक्रम 13 फरवरी की रात्रि आयोजित किया जायेगा। साथ ही काशी विश्वनाथ क्षेत्र के कृष्ण कुमार ग्रुप द्वारा विशिष्ट भजन की प्रस्तुति भी होगी। 13 फरवरी की ही रात्रि आदि शंकराचार्य जीकी तपोस्थली रीवा में (आदि शंकराचार्य) पर आधारित नाट्यमंचन का आयोजन जबलपुर से आये रंगकर्मियों द्वारा विशेष रूप से किया जायेगा। सभी धार्मिक-आध्यात्मिक कार्यक्रम सुमन वाटिका में ही संपन्न होंगे। समस्त कार्यक्रम के आयोजक अभय मिश्र ने समस्त नगरवासियों से पूज्य शंकराचार्य जी एवं संतों के सान्निध्य में होने वाले इस कार्यक्रम में संतों की गरिमा बनाए रखते हुए कोविड महामारी संबंधित नियमों का पूरी तरह से पालन करने का आवाह्न किया है।
प्रमुख कार्यक्रम
12 फरवरी – वास्तु प्रतिष्ठा एवं अन्य प्रतुख धार्मिक आयोजन
13 फरवरी – भव्य शोभा यात्रा एवं संत समागम
14 फरवरी – मध्यान्ह के अभिजित मुहूर्त में भगवती की प्राण प्रतिष्ठा, पूर्णाहुति, भव्य भंडारा एवं वृंदावन से पधारे कलाकारों द्वारा भजन की प्रस्तुति