धर्मसंतवाणी

ज्योतिर्मठ में श्रीमद्भागवत कथा हुई संपन्न, सुदामा चरित्र सुनकर भावुक हुए श्रद्धालु

कथा व्यास डा. प्रदीप सेमवाल ने बताया गोसेवा और उसकी भक्ति का महात्म्य

ज्योतिर्मठ, चमोली : दिव्य-भव्य चातुर्मास्य व्रत महामहोत्सव के अन्तर्गत तोटकाचार्य गुफा, ज्योतिर्मठ, बदरिकाश्रम, हिमालय में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा (Shrimad Bhagwat Katha) सप्ताह आज सम्पन्न हुई। सात दिनों तक चलने वाली कथा को सुनने के लिए ज्योतिर्मठ के परिसर में भगवद्भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। कथा व्यास डा. प्रदीप सेमवाल जी ने अपने प्रवचन के क्रम में आज वसुदेव नारद संवाद, सुदामा प्रसंग के साथ-साथ परीक्षित मोक्ष आदि कथाओं का श्रवण करवाया। कथा के दौरान व्यास जी ने लोगों को अपने भीतर भगवत्चरित्र को उतारने का संदेश दिया।

कथा व्यास डा. प्रदीप सेमवाल जी के अनुसार सम्पूर्ण कथा श्रवण करने से जीव का उद्धार हो जाता है तथा इस कथा को कराने वाले भक्तजन पुण्य के भागीदार होते हैं। साथ ही उन्होने भक्तों को गौसेवा के माहात्म्य का वर्णन करते हुए कहा कि गौमाता धर्म की मूल है, इसलिए उनका संरक्षण हम सभी का पहला कर्तव्य है।

Shrimad Bhagwat Katha

सप्तदिवसीय कथा के समापन अवसर पर परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर अनन्तश्रीविभूषित जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ‘१००८’ जी महाराज ने अपना वीडियो सन्देश भेजकर सभी को आशीर्वाद देते हुए कहा कि ज्योतिर्मठ के सभी नगर वासियों के सहयोग से हो रहे इस धार्मिक आयोजन ज्ञान, भक्ति की अद्भुत धारा बही साथ ही कर्म सिध्दांत को तरह-तरह के दृष्टांत देकर समझाया गया। इस दौरान कथा व्यास डा प्रदीप सेमवाल जी और मुख्य यजमान परीक्षित के रूप में श्रीमति रेखा बिष्ट – श्रीमान गोविन्द सिंह बिष्ट सहित सभी भक्तों को शंकराचार्य जी महाराज ने आशीर्वाद दिया।

कार्यक्रम के अनन्तर भक्तिमय माहौल में झूमे भक्तजन ज्योतिर्मठ के व्यवस्थापक विष्णुप्रियानन्द ब्रह्मचारी ने उपस्थित सभी भक्तों को प्रसाद दिया। कार्यक्रम में उपस्थित रहे सर्वश्री कुशलानन्द बहुगुणा जी, जगदीश जोशी जी, महिमानन्द उनियाल जी, जगदीश उनियाल जी, ज्योतिर्मठ पुरोहित आनन्द सती जी, अनिल डिमरी जी, समीर डिमरी जी, व्यापार मण्डल अध्यक्ष नैनसिंह भण्डारी जी, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष रोहिणी रावत जी, सरिता उनियाल जी, आरती उनियाल जी, शान्ति चौहान जी, प्रो चरणसिंह केदारखण्डी जी, अभिषेक बहुगुणा जी, आशीष उनियाल जी, दिनेश सती जी, शिवानन्द महाराज जी, वैभव सकलानी जी, हिमांशु बहुगुणा जी, आरुष शर्मा जी आदि उपस्थित रहे ।

Ashutosh Shukla

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