सही दिशा में बनी सीढ़ियां ही दिलाती है जीवन में सफलता
वास्तु शास्त्र में दिशाओं का बहुत ज्यादा महत्व है। जिस तरह जीवन में सही दिशा में कार्य करने पर ही सफलता मिलती है, वैसे ही किसी भवन में बनी सही दिशा में बनी सीढ़ियां सफलता की उंचाई पर ले जाने वाली साबित होती हैं। यदि मकान में सीढ़िया बनाते समय वास्तु के सही नियमों का पालन किया जाए तो उस भवन में रहने वाले लोगों की दिन दुगुनी और रात चौगुनी तरक्की होती है।
सीढियां बनवाने की सबसे शुभ दिशा
- मकान में सीढ़ियों के लिए सबसे शुभ दिशा दक्षिण-पश्चिम यानि कि नैऋत्य कोण को माना गया है। इस दिशा में सीढ़ियां बनाने से इस दिशा का भार बढ़ जाता है जो कि वास्तु की दृष्टि में अत्यंत ही शुभ माना जाता है। ऐसे में हमें हमेशा दक्षिण-पश्चिम दिशा में ही सीढ़ियों को बनवाने का प्रयास करना चाहिए। इस दिशा में सीढ़ी बनवाने से धन-धान्य में वृद्धि होती है और घर में रहने वाले लोगों की सेहत भी बहुत अच्छी रहती है।
- यदि आपके पास जगह की कमी हो तो आप सीढ़ियों के लिए वायव्य या आग्नेय कोण की दिशा का चयन कर सकते हैं। हालांकि इस दिशा में सीढ़ी बनवाने से बच्चों को कुछेक परेशानी होने की आशंका रहती है।
यहां भूलकर न बनवाएं सीढ़ियां
- वास्तु के अनुसार घर का मध्य भाग यानि कि ब्रह्म स्थान को अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र माना गया है। ऐसे में इस स्थान पर हमें भूलकर भी सीढ़ी का निर्माण नहीं करना चाहिए। ब्रह्म स्थान पर सीढ़ी बनाने से वहां पर रहने वाले लोगों को तमाम तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
- ब्रह्म स्थान की तरह ईशान कोण में भी सीढ़ियां बनवाना अच्छा नहीं माना जाता है। वास्तु के अनुसार ईशान कोण को हल्का और खुला रखने की बात कही गई है। ऐसे में इस स्थान पर सीढ़ियां बनवाना अत्यंत हानिकारक साबित हो सकता है। ईशान कोण में सीढ़ियां बनवाने से घर के मुखिया को नौकरी, कारोबार आदि में दिक्कतें आ सकती हैं। इस दोष के कारण बच्चों के कॅरिअर में भी तमाम तरह की व्याधियां आती हैं।
इन बातों का भी रखें ख्याल
- मकान की सीढ़ियों के नीचे कभी भी भूलकर भी किचन, पूजाघर, शौचालय अथवा स्टोर रूम न बनवाएं।
- सीढ़ियों के नीचे का स्थान हमेशा खुला और साफ—सुथरा रखें। ऐसा करने से बच्चों की उच्च शिक्षा में बाधाएं नहीं आती हैंं।
- घर की सीढ़ियां टूटी-फूटी नहीं होनी चाहिए, अन्यथा इस दोष के कारण घर में तमाम तरह की परेशानी और कलह होती है।
- सीढियों की संख्या हमेशा विषम होनी चाहिए जैसे 5, 7, 9 आदि।
- घर की सीढ़ियां साफ—सुथरी और वहां पर उचित हवा और प्रकाश की व्यवस्था होनी चाहिए।
- वास्तु के अनुसार सीढ़ियों के शुरूआत और अंत में दरवाज़ा होना शुभ होता है। इसे बनवाते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि नीचे का दरवाज़ा ऊपर के दरवाज़े के बराबर या थोड़ा बड़ा हो।
- अमूमन एक सीढ़ी से दूसरी सीढ़ी का अंतर 9 इंच उचित माना जाता है।
- घर की सीढ़ियां इस प्रकार बनवाएं कि चढ़ते समय आपका मुख पश्चिम अथवा दक्षिण दिशा की ओर रहे और उतरते समय आपका चेहरा उत्तर या पूर्व की तरफ रहे।
- सीढ़ियों को बनवाते समय कभी भी अधूरा नहीं छोड़ा चाहिए।