Prayagraj Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ की मंगलमयी शुरुआत, पूरे विधि-विधान से शंकराचार्य शिविर में हुआ भूमि पूजन
द्वारका-ज्योतिषपीठ शंकराचार्य के शिविर में धर्म संसद से लेकर होंगे कई मंगल अनुष्ठान
Prayagraj Mahakumbh Bhumi Pujan : गंगा, यमुना और सरस्वती के पावन संगम पर लगने वाले आस्था के महामेले कुंभ की तैयारियां जोरों पर है। एक तरफ जहां मेला प्रशासन पूरी कुंभ नगरी को सजाने और संवारने में लगा हुआ है वहीं साधु-संत समेत शंकराचार्य संगम तट पर पहुंच कर अपने शिविरों का अवलोकन और पूजन आदि कर रहे हैं। इसी क्रम में आज मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी के अवसर पर आगामी महाकुंभ के लिए प्रातः शुभ मुहूर्त में श्री गंगाप्रसाद शुक्ल के आचार्यत्व में 21 ब्राह्मणों द्वारा मोरी मार्ग के दक्षिण पट्टी में आदिशंकराचार्य भगवान द्वारा स्थापित चार आम्नाय शांकर पीठ में से ज्योतिष्पीठ और द्वारकापीठ के शिविर में भूमि पूजन ब्रह्मचारी शंकर स्वरूप जी के द्वारा सम्पन्न हुआ।
शंकराचार्य शिविर में होंगे अनेकों धार्मिक अनुष्ठान
द्वारकापीठ के शिविर प्रभारी श्रीधरानन्द ब्रह्मचारी के अनुसार भूमि पूजन का यह पूरा कार्यक्रम आज उत्तम मुहूर्त में प्रारंभ होकर विधि-विधान से संपन्न हुआ। कुंभ नगरी स्थित द्वारकापीठ के शिविर में पूज्य शंकराचार्य जी महाराज के सान्निध्य में पूरे पर्व के दौरान अनेंको धार्मिक अनुष्ठान एवं प्रवचन आदि के धार्मिक-आध्यात्मिक कार्यक्रम संपन्न होंगे। इस दौरान भक्तगणों को पूज्यपाद द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानन्द सरस्वती जी महाराज के दर्शन और प्रवचन सुनने का लाभ मिलेगा।
धर्म संसद में शंकराचार्य लेंगे बड़े निर्णय
ज्योतिष्पीठ शिविर के कुम्भ मेला प्रभारी मुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी के अनुसार प्रयागराज की धरती पर हर छह साल में लगने वाला अर्द्धकुंभ और 12 साल में लगने वाला महाकुंभ 100 करोड से अधिक सनातनधर्मियों के लिए सबसे बडा पर्व होता है। ऐसे में इस महापर्व पर ‘परमाराध्य’ परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ‘१००८’ जी महाराज के सान्निध्य पूरे मास धार्मिक विषयों पर निर्णय हेतु परमधर्मसंसद का आयोजन किया जाएगा। इस धर्म संसद में होने वाले अनेकों सत्र में सभी धार्मिक समसामयिक विषयों पर शंकराचार्य जी महाराज अपना निर्णय सुनाएंगे ।
भूमि पूजन में संतों संग शामिल हुए भक्तगण
भूमि पूजन के कार्यक्रम में स्वामी विद्याचैतन्य जी, स्वामी विचित्रानन्द जी, अपर मेलाधिकारी श्री विवेक चतुर्वेदी जी, उप मेलाधिकारी श्री विवेक शुक्ल जी, संजय ममगाई जोनल अधिकारी, लवकुश महाराज, देवेंद्र त्रिपाठी पीलीकोठी, अवधेश त्रिपाठी, अनूप त्रिपाठी रईस चंद्र शुक्ला, रवि उपाध्याय, आलोक पांडे रघुनाथ द्विवेदी, रामचंद्र शुक्ल, विद्याकांत पाण्डेय, संजय मिश्र, रामसजीवन शुक्ल, पशुपतिनाथ पंडा, नीरज शुक्ला एडवोकेट चन्दन तिवारी, योगेश शुक्ल, दीपेन्द्र नायक, आर्य शेखर , विकास दुबे, राजेश मिश्रा, उदित त्रिपाठी, सोमजी शास्त्री दशामेध मंदिर आदि अनेकों भक्तजन उपस्थित रहे।