Best Remedies of Saturn : वक्री शनि का महाउपाय, करते ही कटेंगे सभी कष्ट
शनि के इस सरल उपाय को करते ही जिंदगी हो जाएगी खुशहाल जानें कैसे?
शनिदेव एक ऐसे ग्रह हैं, जिन्हें लेकर आम आदमी तो क्या देवता भी भय खाते रहे हैं। किसी भी इंसान की कुंडली में जब 9 ग्रहों में से एक शनिदेव अपनी वक्र दृष्टि डालते हैं तो उसके जीवन की दिशा-दशा ही बदल जाती है। शनि की दृष्टि से शायद ही कोई बिरला ही होगा जो बचा होगा। यही कारण है कि इंसान तो इंसान देवतागण भी उनके प्रकोप से भय खाते हैं।
कोरोना काल के इस कठिन दौर में शनिदेव एक बार फिर अपनी चाल बदलने जा रहे हैं और 23 मई 2021 को मकर राशि में रहते हुए 141 दिनों तक वक्री चाल चलेंगे। जिन जातकों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है अथवा शनि अशुभ फल दे रहे हैं, उन्हें शनि की वक्री चाल के दौरान इन सरल उपायों को अवश्य करना चाहिए —
— वक्री शनि के विपरीत असर को दूर करने के लिए शनिवार का व्रत रखें।
— शनिवार के दिन पश्चिम दिशा की ओर मुख करके शनिदेव की साधना करें और ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’ मंत्र का जप करें।
— वक्री शनि संबंधी कष्टों को दूर करने के लिए हनुमत साधना करें। श्रद्धाभाव से सुंदरकांड, हनुमान चालीसा अथवा बजरंग बाण का पाठ करें।
— वक्री शनि से जुड़े कष्टों को दूर करने के लिए भगवान शिव की पूजा करें। भगवान भोलेनाथ की पूजा में शमी की पत्ती जरूर चढ़ाएं। साथ ही भगवान शिव के महामंत्र ”ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारूकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्” का जाप करें।
— वक्री शनि से जुड़े दोष को दूर करने के लिए शनिवार के दिन काले वस्त्र, कंबल, चाय की पत्ती, काली उड़द, काले जूते, लोह आदि का दान करना अत्यंत शुभ होता है।
— वक्री शनि के दोष को दूर करने के लिए दशरथ कृत शनि स्तोत्र के सवा लाख जप किसी योग्य पंडित या गुरु के निर्देशन में करवाएं।
— वक्री शनि संंबंधी दोष को दूर करने के लिए शनि के महामंत्र “ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:” का जाप करें।
— शनिवार के दिन शनिदेव की प्रतिमा पर सरसों का तेल और पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं। साथ ही नीचे दिये गये प्रार्थना मंत्र को पढ़ें –
सूर्य पुत्रो दीर्घ देहो विशालाक्षः शिवप्रियः।
मन्दचारः प्रसन्नात्मा पीडां हरतु मे शनिः।।