रीवा। ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के सान्निध्य में आज राजराजेश्वरी देवी त्रिपुर सुंदरी की दिव्य प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न हुआ। विंध्य क्षेत्र में भगवती की यह पहली स्फटिक रत्न से बनी भव्य प्रतिमा है।
त्रिपुरालय में होंगे मां भगवती के दर्शन
परम पूज्य शंकराचर्य जी ने इस पावन शक्ति स्थल को त्रिपुरालय और उसके गर्भगृह में विराजमान मां भगवती को सर्वमंगला त्रिपुर सुंदरी का नाम दिया है। जिनकी साधना-आराधना करने से साधक के जीवन से सभी कष्ट दूर होते हैं और सब मंगल ही मंगल होता है। इस अवसर पर शंकराचार्य महाराज जी के साथ पधारे पूज्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी एवं सुबुद्धानंद जी महाराज के साथ-साथ अनेक साधु-संतों समेत हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
वैदिक मंत्रों से गुंजायमान हुई सुमन वाटिका
भगवती की प्राण प्रतिष्ठा से संबंधित पूजन प्रक्रिया प्रातःकाल से ही प्रारंभ हो गई थी। देवी के लिए किये जा रहे हवन के दौरान वातावरण में स्वाहा-स्वाहा के स्वर एवं वैदिक मंत्र गूंजते रहे। इस वैदिक पूजन प्रकिया को काषी एवं प्रयाग से पधारे विद्वान पंडितों ने संपन्न कराया। रीवा शहर के निकट स्थित इस दिव्य शक्ति स्थल पर दर्शन एवं पूजन का सौभाग्य पाने के लिए भोर काल से ही भक्तगणों का तांता लगा रहा। दोपहर होते-होते तक इस पावन प्रतिष्ठा समारोह में हजारों-हजार लोग जुट चुके थे।
यजमान अभय मिश्र ने सपरिवार किया पूजन-हवन
पूज्य शंकराचार्य जी के सान्निध्य में संपन्न हुए प्राण प्रतिष्ठा समारोह में इस धार्मिक कार्यक्रम के प्रमुख यजमान जिला पंचायत अध्यक्ष अभय मिश्र, पूर्व विधायक श्रीमती नीलम मिश्रा और उनके पुत्र अधिवक्ता विभूति नयन मिश्र ने मां त्रिपुर सुंदरी की प्रतिमा की वास्तु प्रतिष्ठा से पूर्व विधि-विधान से पूजन एवं हवन किया।
ज्योतिषपीठ से जुड़ेगा विंध्य का यह पावन धाम
विदित हो कि इस भव्य मंदिर को अभय मिश्र ने जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज को समर्पित किया है। वहीं पूज्य शंकराचार्य जी महाराज ने भगवती के भव्य धाम को ज्योतिषपीठ से जोड़ने की घोषणाा की है।
हजारों भक्तों ने ग्रहण किया महाप्रसाद
मां त्रिपुर सुंदरी की प्राण प्रतिष्ठा समारोह संपन्न होने के बाद एक भव्य भंडारा का आयोजन हुआ, जिसमें खबर लिखे जाने तक हजारों भक्तगण महाप्रसाद ग्रहण कर चुके थे। महामाई के भंडारे में 20 से 22 हजार भक्तों के प्रसाद पाने की संभावना है। इस धार्मिक-आध्यात्मिक कार्यक्रम में मानव पंथ के समन्वय संपादक और सुखसागर केयर के प्रबंध निदेशक पंडित ब्रजेंद्र प्रसाद द्विवेदी, वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार पंडित शालिगराम शर्मा समेत कई बड़ी शख्सियत मौजूद थीं।